Saturday, December 10, 2016

Sense


वो लौट आया है
एक अहसास 
जीने का 
हँसने का 
खुश रहने का 

वो जैसे सुबह की 
धुप जैसा 
या पहली बारिश की 
खुशबू जैसा 
वो जैसे बचपन में आने वाले 
सपनो जैसा 
या मन ही मन मुस्कराते 
होठो जैसा 
एक बहुत दूर से आ रही गाड़ी के 
इंजन की सीटी जैसा 
पहाड़ी पे बैठे 
गड़रिये की बंसी जैसा 

जैसे समंदर की लहरो से लड़ता 
कोई जहाज उबर आया है
वो लौट आया है
एक अहसास 
जीने का 
हँसने का 
खुश रहने का 


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